Makhana farming Business Idea: भारत में सूखे मेवों की डिमांड हमेशा बनी रहती है। ऐसे ही मखाना की भी डिमांड बढ़ती जा रही है। मखाना की खेती के जरिए मोटी कमाई कर सकते हैं। पानी में उगे फूल और पत्तों सा दिखने वाला मखाना से सालाना 4-5 लाख रुपये आसानी से कमा सकते हैं
Business Idea 2024 : इस बिजनेस को शुरू कर कमा सकते हैं अंधा पैसा, इन बातों का अवश्य रखें ध्यान
अगर आप नौकरी की तलाश में हैं या आपकी नौकरी छूट गई है। ऐसे में आप बिजनेस की ओर रूख कर सकते हैं। आज हम आपको एक ऐसा बिजनेस आइडिया दे रहे हैं। जिसकी बाजार में जबरदस्त डिमांड है। यह एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसे सर्दी, गर्मी और बारिश जैसे हर मौसम में खाया जाता है। इसके अलावा इसे बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी बड़े चाव से खाते हैं। इतना ही नहीं इस प्रोडक्ट की डिमांड गांव से शहरों तक हमेशा जोरदार बनी रहती है। हम बात कर रहे हैं मखाना की खेती करने के बारे में। मखाना की खेती देश में सबसे अधिक बिहार के कुछ जिलों में होती है।
बिहार में नीतीश सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के मसकसद से मखाना विकास योजना की शरुआत की है। इस योजना के तहत किसानों को 72,750 रुपये की सब्सिडी मुहैया कराई जाती है। देश भर में करीब 15 हजार हेक्टेयर में मखाने की खेती होती है। इसका 80-90 फीसदी उत्पादन सिर्फ बिहार में होता है।
मखाना की खेती के लिए बिहार सरकार दे रही है सब्सिडी
मखाना ना सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद माना गया है। इसीलिए इसे सुपरफूड कहा जाता है। दुनिया भर के मखाने का करीब 80-90 फीसदी उत्पादन तो सिर्फ भारत में होता है। बिहार के 8 जिलों में सबसे अधिक मखाना की पैदावार होती है। इसमें कटिहार, दरभंगा, सुपौलस किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा, अररिया, पश्चिम चंपारण जिले के किसानों को सब्सिडी दी जा रही है। ये सभी जिले मिथिलांचल क्षेत्र में आते हैं। एक हेक्टेयर में मखाना की खेती करने के लिए 97,000 रुपये की लागत आती है। इस पर किसानों को अधिकतम 72,750 रुपये की सब्सिडी दी जाती है। सब्सिडी पाने के लिए इन 8 जिलों के किसानों को अप्लाई करना होगा।
बीज के लिए टेंशन नहीं
इसके बीज (makhana seeds) खरीदने में भी ज्यादा खर्च नहीं है, क्योंकि पिछली फसल के बचे बीज से नए पौधे उग आते हैं। इसकी खेती में खासतौर से मजदूरी के लिए जो पैसे खर्च करने पड़ते हैं। वही बड़ा खर्च होता है। इसमें पानी के ऊपर उगे फसलों की छंटाई करनी होती है। फसल के दाने को पहले भूना जाता है। फिर उसे फोड़ कर बाहर निकाला जाता है। इसके बाद उसे धूप में सुखाया जाता है। तब जाकर इसकी फसल पूरी तरह तैयार मानी जाती है। इस काम में मेहनत है और एक दो किसान के जिम्मे यह काम भारी है। लिहाजा मजदूरों का सहारा लेना पड़ता है। जिसमें अच्छा-खास पैसा खर्च होता है। हालांकि बाजार में इसकी मांग को देखते हुए किसान मखाना बेचकर कई गुना तक मुनाफा कमा लेते हैं।
मखाना से कितनी होगी कमाई?
मखाना की खेती तालाब के साथ-साथ एक से डेढ़ फीट गहरे खेत में भी की जा सकती है। इससे साल में करीब 3 से 4 लाख रुपये की कमाई (makhana profit) हो जाती है। बड़ी बात यह है कि मखाना निकालने के बाद स्थानीय बाजारों में इसके कंद और डंठल की भी भारी मांग होती है, जिसे किसान बेचकर पैसा कमाते हैं। अब किसान मछली पालन करने से ज्यादा मखाना से कमाई कर रहे हैं। कच्चे फल की मांग को देखते हुए किसानों को कहीं भटकना नहीं होता है, बल्कि बाजार में यह आसानी से बिक जाता है।
Post Office Scholarship : इन छात्रों को डाक विभाग देगा 6000 रूपए की छात्रवृति, यहां करें आवेदन