पीएफ कर्मचारियों की हुई मौज, अब हर महिना मिलेंगी इतनी पेंशन, जानिए पूरी जानकारी 

New Delhi : पीएफ या योग्यता निधि एक बचत योजना है जिसमें सरकारी और निजी कंपनियों के कर्मचारी नियमित अंशदान करते हैं। यह योजना उनके भविष्य की सुरक्षा के लिए होती है। जब वे नौकरी छोड़ते हैं, तो उन्हें पेंशन के रूप में नियमित भुगतान मिलता है। इसके अलावा, यह योजना उनके भविष्य के लिए एक बचत भी होती है।

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ईपीएफ और ईपीएस दोनों ही योजनाएं पीएफ कर्मचारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। ईपीएस योजना में पेंशन का विकल्प होता है, जिससे उन्हें नौकरी छोड़ने के बाद नियमित आय मिलती है। यह योजना उनके जीवन को सुरक्षित बनाने में मदद करती है। इसलिए, पीएफ कर्मचारियों के लिए ईपीएस योजना एक वरदान के समान है।

इसलिए, अगर आप भी पेंशन का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपको इन योजनाओं के बारे में अच्छे से जानकारी होनी चाहिए। इससे आपका भविष्य सुरक्षित रहेगा और आपको वृद्धावस्था में भी आराम से जीने का मौका मिलेगा।

पीएफ कर्मचारियों का जीवन संवारेगी ईपीएस संगठित वर्ग में काम कर रहे कर्मचारियों की बड़ी संख्या में पीएफ कटौती होती है, जिससे उन्हें सरकार द्वारा सालाना ब्याज का लाभ भी मिलता है। ईपीएस स्कीम के तहत, इन कर्मचारियों को हर महीने पेंशन का भी लाभ मिलेगा, जिसका महत्वपूर्ण होना चाहिए। इस योजना से संगठित क्षेत्र में काम कर चुके सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी लाभ होता है।उन कर्मचारियों को भी इस योजना से लाभ मिल सकता है जिनकी आयु 58 वर्ष है और जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इस योजना से लाभान्वित होने के लिए कर्मचारियों को कम से कम 10 वर्ष तक काम करना चाहिए। ईपीएस योजना को साल 1995 में शुरू किया गया था। इसमें वर्तमान और नए ईपीएफ सदस्य दोनों शामिल होंगे। ईपीएफ फंड में कर्मचारी की सैलरी से 12 प्रतिशत का योगदान होता है।ईपीएफ अकाउंट में कर्मचारी का योगदान एक महत्वपूर्ण भाग है। नियोक्ता या कंपनी के शेयर का 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में और 3.67 प्रतिशत हर महीने ईपीएफ अकाउंट में जमा होता है।

जानिए ज़रूरी शर्ते 

ईपीएफओ ने ईपीएस स्कीम की शुरुआत की है जो पीएफ कर्मचारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस स्कीम का लाभ पाने के लिए EPFO के सदस्य होना आवश्यक है। आपको कम से कम 10 साल तक नौकरी करनी चाहिए और आपकी आयु 58 साल होनी चाहिए। आप 50 वर्ष की आयु पर ईपीएस से पैसा निकालने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। आप अपनी पेंशन को 2 साल (60 साल की उम्र तक) तक रोक सकते हैं। EPS, 1995 की टेबल-C पर निर्भर होती है और न्यूनतम पेंशन राशि 1000 रुपये है। इस से आपको हर महीने 15,000 रुपये तक की पेंशन का लाभ मिल सकता है।

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