कृषि मंत्री ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि ऋण के ब्याज के दबाव को कम करना है ताकि किसानों को अधिक उत्साहित किया जा सके और वे अधिक संस्थागत ऋण प्राप्त कर सकें। उन्होंने यह भी बताया कि इस कार्यक्रम के परिणामस्वरूप किसान आधुनिक कृषि तकनीक को अपनाने के लिए बीज, उर्वरक, कीटनाशक, सिंचाई आदि में निवेश करके सफल होंगे, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी।बिहार के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है क्योंकि राज्य सरकार ने उन्हें कृषि ऋण पर लगने वाले ब्याज में कुछ राहत प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके लिए, राज्य सरकार ने 2024-25 में कृषि ऋण पर 1 प्रतिशत ब्याज अनुदान देने के लिए कृषि विभाग और नाबार्ड के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इस उद्योग के लिए, बिहार सरकार ने राज्य योजना मद से 10 करोड़ रुपये का भी मंजूरी दे दी है।
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नाबार्ड के साथ हुआ MOU
कृषि निदेशक मुकेश कुमार लाल, संयुक्त कृषि निदेशक (सांख्यिकी) सुशील कुमार, उप महाप्रबंधक प्रकाश कुमार मिश्रा, सहायक महाप्रबंधक जुबेर परिहार और सात्विक सत्यकाम देवता ने नाबार्ड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
लोन पर सब्सिडी
इस योजना के अंतर्गत, किसानों को वाणिज्यिक, ग्रामीण और सहकारी बैंकों से 3 लाख रुपए तक के ऋण पर सरकार की तरफ से सब्सिडी प्रदान की जाएगी। फसल ऋण, किसान क्रेडिट कार्ड और अल्पावधि कृषि उत्पादन ऋण पर सरकार एक प्रतिशत ब्याज देगी।
इन किसानों को मिलेगा लाभ
इस साल 1 अप्रैल से लिए गए ऋण पर सरकार केवल एक फीसदी ब्याज सब्सिडी प्रदान करेगी। इससे पहले ऋण लेने वाले किसानों को इस योजना के लाभार्थी नहीं माना जाएगा। कंपनियों और साझेदारी कंपनियों को इस योजना से लाभ नहीं मिलेगा।
क्या है इस योजना का उद्देश्य
कृषि मंत्री ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य किसानों को कृषि ऋण पर लगने वाले ब्याज के दबाव को कम करना है ताकि किसान उत्साहित होकर अधिक संस्थागत ऋण प्राप्त कर सके। उन्होंने इस कार्यक्रम के परिणामस्वरूप किसान आधुनिक कृषि तकनीक को अपनाने के लिए बीज, उर्वरक, कीटनाशक, सिंचाई आदि में निवेश करके सफल होने की संभावना जताई, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी।
10 करोड़ रुपए की मंजूरी
कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य सरकार ने कृषि ऋण पर 1 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना के कार्य के लिए 10 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है और इस योजना को शुरू करने के लिए नाबार्ड को राज्य एजेंसी नामित किया गया है। उन्होंने व्याख्याता किया कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को खेती के लिए कृषि ऋण प्रदान किया जाता है, जिससे उन्हें खेती में निवेश करने की सुविधा मिलती है।
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